दिल्ली की एक अदालत ने 28 फरवरी 2024 को ब्लूमबर्ग एल.पी. को ZEE एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के खिलाफ प्रकाशित एक भ्रामक रिपोर्ट को हटाने का आदेश दिया। ZEEL ने दिल्ली सत्र न्यायालय में याचिका दायर कर ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट को झूठा और तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए इसे हटाने की मांग की थी।
ब्लूमबर्ग रिपोर्ट में क्या था:
- रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ZEEL के खातों में 241 मिलियन डॉलर की विसंगतियां हैं।
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने ZEEL के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
ZEEL का तर्क:
- ZEEL ने कहा कि ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट गलत और भ्रामक है।
- कंपनी ने कहा कि SEBI ने उसके खिलाफ कोई जांच शुरू नहीं की है।
- ZEEL ने कहा कि ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट से उसके शेयरों की कीमतों में गिरावट आई है और कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है।
अदालत का फैसला:
- अदालत ने ZEEL के पक्ष में फैसला सुनाते हुए ब्लूमबर्ग को रिपोर्ट हटाने का आदेश दिया।
- अदालत ने कहा कि ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट “अपमानजनक” और “मानहानिकारक” है।
- अदालत ने कहा कि ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले ZEEL से संपर्क नहीं किया।
यह फैसला मीडिया संगठनों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है।
अदालत ने कहा कि मीडिया संगठनों को रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए।
यह फैसला ZEEL के लिए भी एक बड़ी जीत है।
यह फैसला कंपनी की प्रतिष्ठा को बहाल करने में मदद करेगा और उसके शेयरों की कीमतों में सुधार ला सकता है।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह फैसला केवल ZEEL के मामले तक ही सीमित है।
इसका मतलब यह नहीं है कि सभी मीडिया रिपोर्टें जो कंपनियों के खिलाफ नकारात्मक जानकारी प्रकाशित करती हैं, वे गलत या भ्रामक होती हैं।
यह फैसला मीडिया संगठनों और कंपनियों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है।
मीडिया संगठनों को रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए, और कंपनियों को गलत या भ्रामक रिपोर्टों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार है।